चाय क्या है? (Milk Tea)
दूध वाली चाय (चाय में दूध युक्त चाय) के लाभ और नुकसान निम्नलिखित हैं:
दूध वाली चाय के लाभ:
1. पौष्टिकता: दूध में प्रोटीन, कैल्शियम, विटामिन D, रिबोफ्लाविन (विटामिन B2), विटामिन B12 और आयरन जैसे पौष्टिक तत्व होते हैं जो सेहत के लिए फायदेमंद होते हैं।
2. शांति प्रदान करना: दूध में पायी जाने वाली एक्सथेंट (Xanthine) नामक पदार्थ निद्रा को बढ़ाने में मदद करता है, जिससे यह शांति प्रदान करता है और मन को ताजगी देता है।
3. डायबिटीज़ के नियंत्रण में सहायक: दूध वाली चाय में शुगर की मात्रा कंट्रोल करने में मदद करने वाले एक विशेष प्रोटीन 'केसीन' (Casein) होता है जिससे डायबिटीज के रोगियों को फायदा हो सकता है।
4. अन्तिऑक्सीडेंट्स: चाय में मौजूद पॉलीफेनोल्स और कैटेकिन अन्तिऑक्सीडेंट्स का स्रोत बनते हैं जो शरीर के रक्त प्रवाह को सुधारने और रोगों के खिलाफ रक्षा करने में मदद करते हैं।
5. वजन नियंत्रण: दूध वाली चाय के माध्यम से पौष्टिकता मिलती है जिससे भूख और खाने की इच्छा कम होती है, जिससे वजन नियंत्रण किया जा सकता है
दूध वाली चाय के नुकसान:
1. लक्षण: दूध वाली चाय में कैफीन होता है जो अधिक मात्रा में सेवन करने से नींद की समस्या, अधिक तनाव, उत्तेजना या न्यूरोलॉजिक समस्याएं हो सकती हैं।
2. बढ़ता हुआ वजन: दूध वाली चाय में शुगर और कलोरी भी होती हैं, इसलिए अधिक मात्रा में सेवन करने से वजन बढ़ सकता है।
3. एलर्जी: कुछ लोगों को दूध या उसके तत्वों के प्रति एलर्जी हो सकती है जो दूध वाली चाय का सेवन करने से उन्हें समस्या हो सकती है।
4. कैल्शियम अभाव: ज्यादातर लोग चाय के साथ दूध पीने के कारण चाय में मौजूद कैल्शियम का शरीर में उचित स्तर पर न होना?
दूध वाली चाय में शुगर का प्रमाण आम तौर पर चाय के तरीके, प्राथमिक विकल्पों, और स्वादानुसार भिन्न होता है। शुगर की मात्रा चाय बनाने के लिए इंग्रीडिएंट्स को मिलाने के समय अपनी पसंद के अनुसार नियंत्रित की जा सकती है।
दूध वाली चाय बनाने का तरीका – How To Make Milk Tea
एक पेन लेंइसमें 2 कप दूध डालकर
दूध को उबाल दिया जाता है। और
इसमें सुखी चाय पत्ती डालकर एक-दो मिनट पकाते हैं।
इस स्तर पर चीनी डालकर उबाला जाता है।
अब इसे छलनी से छान कर सर्व करें।
यह चाय खाली दूध से भी बनाई जाती है। और पहले पानी में पत्ती पका कर फिर इसमें दूध डालकर भी बनाई जाती है। तो चलिए जानते हैं कि पानी वाली चाय कैसे बनाते हैं।
• एक पैन लेकर
• इसमें एक कप पानी डालते हैं।
• पानी में उबाल लगाकर
• इस पानी में चाय पत्ती और चीनी डाली जाती है
• फिर इसमें दूध डालकर उबाला जाता है।
• अब इसे छलनी से छान कर कप में सर्व करें।
सामान्य रूप से, दूध वाली चाय में शुगर की मात्रा एक कप (लगभग 240 मिलीलीटर) चाय के लिए 1 या 2 चम्मच (परिमाण के अनुसार वैशिष्ट्य) होती है। इसमें आपकी स्वाद पसंद और शुगर का सेवन करने की रुचि के आधार पर अंतर्निहित होता है।
हालांकि, शुगर का अधिक मात्रा में सेवन करने से सेहत को नुकसान हो सकता है, खासकर डायबिटीज के रोगियों के लिए। इसलिए, शुगर की मात्रा को नियंत्रित रखना अहम है। यदि आपको शुगर की खास चिंता है या डायबिटीज
दूध वाली चाय के फ़ायदे – Doodh Wali Chai Peene Ke Benefits In Hindi
अभी तक हमने दूध से बनने वाली चाय के नुकसान के बारे में पढ़ा है। और देखा जाए तो इस तरह की चाय का कोई भी फायदा नहीं होता। यह चाय हमेशा नुकसानदायक रहती है। लेकिन ग्रीन टी व ब्लैक टी के बहुत सारे फायदे मिलते हैं। यह साबित भी किया जा चुका है।
ग्रीन टी और ब्लैक टी में मौजूद एंटीऑक्सीडेंट कीमोंप्रीवेंटिव ,फ्लेवोनॉयड्स कैंसर से बचाव करने में लाभकारी होते हैं।
• लो ब्लड प्रेशर सामान्य हो जाता है और इसी कारण अंग्रेजों ने इसे अपनी दिनचर्या में शामिल भी किया था।क्योंकि यूरोप में ठंड होने के कारण वहां के लोगों का ब्लड प्रेशर Low रहता है।
इसीलिए उन्होंने इसका सेवन करना शुरू किया था लेकिन उन्होंने खुद तो फ़ायदे लेने के लिए इसका प्रयोग किया।
लेकिन हमें दूध में मिलाकर पीने की आदत डलवाई ताकि हमें लत हो जाए। और उनकी कमाई हो। इससे उनकी Health भी अच्छी होती थी और Wealth भी।
यहां रोचक बात यह है कि दूध वाली चाय भी हमारे लो ब्लड प्रेशर को सामान्य करने में कारगर होती है।
• डायबिटीज़ से छुटकारा बिना चीनी के ग्रीन टी व ब्लैक टी का सेवन करने से शुगर नियंत्रित होती है क्योंकि यह इंसुलिन की मात्रा को बढ़ाती है। जो शुगर लेवल को कंट्रोल करने में मददगार है।
• सिर दर्द में फायदा पहुंचता है सिर दर्द में चाय पीने से अच्छा महसूस होता है। वह इसलिए क्योंकि चाय में कैफ़ीन होता है जो दिमाग की नसों को शांत कर देता है।और सिर के दर्द के असर को कम करता है।
लेकिन ध्यान रखें कि Permanent दर्द का इलाज नहीं है क्योंकि इसके लगातार सेवन से इसका इसकी आदत बन जाती है।
और फिर अगर रोजाना उसी टाइम पर चाय न मिले तो Automatically सिर दर्द होने लगता है इसीलिए कम मात्रा में ही चाय का उपयोग करना अच्छा होता है।
कुछ लोग चाय न पीकर सिर दर्द की मेडिसिन लेते हैं तो यह भी समझ ले कि उसमें भी कैफ़ीन ही होता है। जो चाय के जितना ही नुकसानदायक होता है इसीलिए दवाइयों का इस्तेमाल भी कम से कम करें।
• झुर्रियों से बचाव वाइट टी, ग्रीन टी व ब्लैक टी में बहुत से Anti-Aging गुण पाए जाते हैं। जैसे Polyphenol Antioxidant जो शरीर की कोशिकाओं को Damage होने से बचाते हैं।
इन तीनों चाय को पीने के साथ-साथ स्किन पर भी लगाया जाता है और बहुत सारे ब्यूटी प्रोडक्ट्स में भी इनका प्रयोग होता है।
• एनर्जी महसूस होती है चाय में ऐसा Chemical होता है। जो शरीर को चुस्ती फुर्ती व ऊर्जा महसूस कराने में मदद करता है।
भारत में चाय का इतिहास – Indian Tea History
• चाय भारतीय लोगों की जिंदगी का एक अहम अंग है। यहां के 90% लोग बिना Skip किए रोजाना चाय पीते हैं। इनफेक्ट सुबह की शुरुआत ही चाय के साथ करते हैं।
• ज्यादातर लोग दूध वाली चाय का सेवन करते हैं भारत में लगभग 28 परसेंट लोग दिन में 3 से 5 टाइम चाय पीते हैं।
• कुछ लोग तो हमारे देश में चाय लवर हैं। जो हर सिचुएशन में चाय पीते हैं वह भी दिन में कई-कई बार इस बात की चिंता किए बिना कि इससे उनकी हेल्थ खराब हो रही है।
• हमारे देश में सबसे ज्यादा ब्लैक टी प्रयोग होती है। जिसमें अधिकतर लोग दूध मिलाकर पीना पसंद करते हैं।
Doodh Wali Chai Peena कैसे छोड़े?
• चाय को छोड़ना मुश्किल काम नहीं है यह सिर्फ हमारा Mindset होता है। अगर आप सोचेंगे, मैं नहीं छोड़ सकता।
• तो आप कभी नहीं छोड़ पाएंगे। पर अगर चाय छोड़ने की ठान लोगे तो आप छोड़ सकते हो यह इतना मुश्किल नहीं है।
• जब आप इसके नुकसान पर ध्यान रखकर इसे छोड़ने के बारे में सोचोगे तो आप इसे आसानी से छोड़ सकते हैं। और इसकी जगह Green Tea इस्तेमाल करना शुरू कर सकते हैं।
• ग्रीन टी पीने से चाय की तलब भी पूरी हो जाती है। और नुकसान की जगह फायदे होते हैं।
• जो लोग चाय नहीं छोड़ सकतें जिन्हें लगता है। वह ऐसा नहीं कर पाएंगे क्योंकि उन्हें चाय की आदत पड़ चुकी है। तो वह लोग कुछ बातों का ध्यान रखकर चाय के नुकसान को कम कर सकते हैं।
• सिर्फ एक या दो कप चाय पीएं। इससे ज्यादा चाय न पिएं।
• चाय पत्ती को पानी में न उबालकर पानी को अलग उबाल लें उसमें चाय पत्ती डालकर ढककर गैस बंद करके रख दे।
• फिर दूध को अलग गर्म करके कप में चाय का पानी निकालें उसमें गर्म दूध मिलाकर और चीनी चम्मच की मदद से मिलाकर प्रयोग करें।
• ज्यादा गर्म चाय पीने से बचें इससे मुंह व गले का कैंसर हो सकता है।
• कड़क चाय न पिएं पतली चाय लें।
• चाय पीने से पानी की कमी हो जाती है। इसलिए चाय पीने से पहले एक गिलास नॉर्मल पानी पी लेना चाहिए।
• खाना खाने के बाद या खाना खाने के साथ चाय बिल्कुल नहीं पीनी चाहिए।
• बाहर की चाय पीने को Avoid करें। क्योंकि उस चाय में एक ही बर्तन व चाय पत्ती बार-बार उपयोग की जाती है।
• चीनी का उपयोग सीमित मात्रा में करें।
खाली पेट दूध वाली चाय पीने से क्या होता है
खाली पेट पी जाने वाली चाय सबसे ज्यादा नुकसान पहुंचाती है। इसी आदत के कारण आज ज्यादातर लोग किसी न किसी स्वास्थ्य समस्या से जूझ रहे हैं।
क्या रोज दूध वाली चाय पीना बुरा है?
हां, रोजाना Milk Tea या दूध से बनी चाय पीना बुरा है क्योंकि यह स्वास्थ्य के लिए नकारात्मक होती है यानी स्वास्थ्य पर बुरा प्रभाव डालती है।
भले ही शराब पीने से स्वास्थ्य पर कई सकारात्मक प्रभाव पड़ते हैं, फिर भी यह जानना महत्वपूर्ण है कि आपको कितनी बार और कितनी बार इसका सेवन करना चाहिए। एक मेडिकल अध्ययन के अनुसार, अक्सर दूध वाली चाय पीने से मधुमेह और अन्य स्वास्थ्य समस्याएं हो सकती हैं ।
चाय कब नहीं पीनी चाहिए?
दिन की शुरुआत में और सोने से पहले चाय नहीं पीनी चाहिए। क्योंकि इस समय ज्यादातर पेट खाली होता है ऐसे में चाय पीने से गैस एसिडिटी तथा कब्ज़ आदि की समस्या होती है।
चाय कब पीनी चाहिए?
चाय खाली पेट कभी नहीं पीनी चाहिए। जब आप Breakfast कर ले उसके 1 घंटे बाद चाय का इस्तेमाल करना चाहिए।
ऐसा करने से उसके नुकसान अधिक नहीं होते और इसका सीधा डाइजेशन सिस्टम पर असर नहीं पड़ता।
दिन में कितनी चाय पीनी चाहिए?
चाय को आदत न बनाएं दिन में 1 या 2 कप चाय ही लेनी चाहिए कभी-कभी बिना चाय पीए भी पूरे दिन रहने की आदत बनानी चाहिए।
निष्कर्ष
कुछ लोग Bed Tea के नाम पर चाय की फरमाइश करते हैं। उसकी वजह होती है विदेशों में खाली पेट Bed Tea लेना पर क्या आपको पता है कि जो चाय विदेशों में पी जाती है वह चाय यह नहीं होती जो हमारे घरों में पी जाती है।
वहां लोग ग्रीन टी व ब्लैक टी को पीना पसंद करते हैं वो भी बिना शुगर के जो हेल्थ के लिए बहुत लाभकारी होती है।
पर जो चाय हम दूध के साथ बनाते हैं। उसको ज्यादा मात्रा में पीने से कैफ़ीन हमारे शरीर में अधिक हो जाती है।
जिस वजह से बेचैनी, सिर दर्द, घबराहट, दिल की धड़कन में कमी होना यह सब समस्या होने लगती हैं। यह ज्यादा तब होती है जब हम एक दिन में कई बार चाय पीते हैं।
आशा करते हैं आपको इस पोस्ट Doodh Wali Chai Ke Fayde Aur Nuksan से चाय के बारे में जो जानकारी मिली है। वह आपके लिए लाभकारी रही है।
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